दोस्तों भूख हर जीव की जरूरत होती है लेकिन इंसानों की भूख बहुत जटिल होती है जो
इन्हें हर जीवों से अलग बनाती है। जबतक भोजन पेट में होता है,भूख की आभास नहीं होती
है अर्थात भोजन और भूख में गहरा संबंध है परन्तु इंसानी भूख ऐसी होती है जो कभी
चाहकर भी समाप्त नहीं की जा सकती है। काश!भूख अगर शांत होती तो समाज में आज इतनी
बुराईयाँ इतनी गहरी जड़ें न जमा लेती कि आज इसे उखाड़ने के लिए दुनिया की भारी से
भारी मशीनें अगर लगा भी दी जाय तो शायद उखड़ नहीं पाए।
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